नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने देश की जेलों में बंद कैदियों की मजहबी पहचान से भी जुड़े आंकड़े जारी किये हैं जो की 2018 तक के सर्वे है, जिसमे देश भर की जेलों में मुस्लिम कैदियों की तादाद 4,66,084 है उनमे 1,39,488 सजायाफ्ता हैं वहीं 3,23,537 कैदी विचारधीन हैं, याद रहे की ये आंकड़े 2018 तक के हैं जिनमे जेलों में हर चौथा कैदी मुस्लिम हैं असम में सबसे बुरे हालात हैं वहां हर दूसरा कैदी मुसलमान है बाकी इन दो सालों में सबसे ज्यादा मुसलमानो को जेलों में डाला गया है ।
2018 तक जो 3,23,537 कैदी विचारधीन हैं उनमें कोई 15 साल तो कोई 25 साल से विचारधीन है वजह ? वजह है इनके घर की आर्थिक स्तिथि खराब होना जिसके वजह से घर वाले अच्छा वकील हायर नही कर सकते और ये नौजवान बिना सुनवाई के सजा काट रहे हैं ताजा मामलों में एक उत्तर प्रदेश और 5 कश्मीर के हैं, जिनको 25 साल बाद सुबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया
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