ये सुदीक्षा है, इसके अनपढ़ पिता चाय बेचते थे, बचपन से पढ़ाई लिखाई में अव्वल सुदीक्षा टॉप रैंक लायी थी। कड़ी मेहनत का प्रतिफल उसे 4 करोड़ की स्कॉलरशिप के रूप में मिला। जिससे वो कैलिफोर्निया में पढ़ रही थी। सुदीक्षा कोरोना महामारी के कारण आजकल अपने घर आई हुई थी। कल अपनी एक्टिवा स्कूटर से कहीं जाते वक्त कुछ मनचलों ने उससे छेड़छाड़ करना शुरू कर दिया। बचने के लिए सुदीक्षा ने एक्टिवा भगाने की कोशिश की तो मनचलों ने उसकी एक्टिवा में टक्कर मार दी। नतीजा सड़क पर गिर कर उसकी मौत हो गयी। घटना रामराज्य वाले उत्तर प्रदेश के नोयडा की है। जहाँ ठोंको नीति के कारण सारे अपराधी ठेले पर केले बेचने लगे हैं और पूरे देश मे क्राइम रेट में नम्बर वन होने के वावजूद मीडिया के सर्वे में मुख्यमंत्री बहुत लोकप्रिय हैं ऐसे संस्कार ऐसे चरित्र
20 अगस्त को लौटना था अमेरिका
सुदीक्षा को 20 अगस्त को अमेरिका वापस जाना था. इससे पहले ही सड़क हादसे में उनकी जान चली गई. बता दें कि देश की टॉप आई टी कंपनी की तरफ से अमेरिका पढ़ने के लिए 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई है. गौतमबुद्ध नगर के दादरी तहसील की रहने वाली सुदीक्षा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. सुदीक्षा के पिता ढाबा चलाते हैं. सुदीक्षा ने बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूल से कक्षा पांच तक पढ़ाई की. प्रवेश परीक्षा के जरिये सुदीक्षा का एडमिशन एचसीएल के मालिक शिव नदार के सिकंदराबाद स्थित स्कूल में हुआ था.
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