in

ज़हरीली मानसिकता और मुसलमान : क्यों संज्ञान नहीं लेती अदालत ?

सुदर्शन न्यूज़ चैनल देश में फैला रहा असहिष्णुता, दर्ज हो मुकदमा ओर रद्द हो चेनल की मान्यता सिविल सेवा में मुसलमानों की भर्ती वाले प्रोग्राम पर आईएएस/आईपीएस अफ़सरों को आपत्तिएक हिंदी टीवी न्यूज़ चैनल पर सिविल सेवाओं में मुसलमानों के चयन पर सवाल उठाने वाले एक कार्यक्रम के टीज़र पर आपत्ति करते हुए कई नौकरशाहों और उनके संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की है। सुदर्शन न्यूज़ नाम के इस न्यूज़ चैनल ने मंगलवार को अपना एक टीज़र जारी किया जिसमें चैनल के संपादक ने ये दावा किया है कि 28 अगस्त को प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में ‘कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफ़ाश’ किया जाएगा.सोशल मीडिया पर इसे लेकर आलोचना शुरू हुई और जिसके बाद गुरूवार को भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन ने इसकी निंदा करते हुए इसे ‘ग़ैर-ज़िम्मेदाराना पत्रकारिता’ क़रार दिया है।

पुलिस सुधार को लेकर काम करने वाले एक स्वतंत्र थिंक टैंक इंडियन पुलिस फ़ाउंडेशन ने भी इसे अल्पसंख्य उम्मीदवारों के आईएएस और आईपीएस बनने के बारे में एक हेट स्टोरी क़रार देते हुए उम्मीद जताई है कि ब्रॉडस्काटिंग स्टैंडर्ड ऑथोरिटी, यूपी पुलिस और संबंद्ध सरकारी संस्थाएँ इसके विरूद्ध सख़्त कार्रवाई करेंगे।सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हानके ने आईपीएस एसोसिएशन की प्रतिक्रिया पर अफ़सोस जताते हुए कहा है कि उन्होंने बिना मुद्दे को समझे इसे कुछ और रूप दे दिया है. उन्होंने संगठन को इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने इस कार्यक्रम के बारे में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।पूनावाला ने साथ ही इस बारे में न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन (एनबीए) के अध्यक्ष रजत शर्मा को एक पत्र लिख उनसे इस कार्यक्रम का प्रसारण रूकवाने और सुदर्शन न्यूज़ तथा इसके संपादक के विरूद्ध क़ानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के संगठन ने भी एक बयान जारी कर यूनिवर्सिटी प्रशासन से इस बारे में अवमानना का मामला दायर करवाने का अनुरोध किया है।आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने की आलोचना-आईपीएस अधिकारी आरके विज ने इस कार्यक्रम के टीज़र पर प्रतिक्रिया करते हुए इसे ‘घृणित’ और ‘निंदनीय’ बताया है और कहा है कि वो इस बारे में ‘क़ानूनी विकल्पों पर ग़ौर कर रहे हैं’।छत्तीसगढ़ काडर के आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने भी इस शो पर प्रतिक्रिया करते हुए लिखा है कि ‘इसे बनाने वाले से इस कथित पर्दाफ़ाश के स्रोत और उसकी विश्वसनीयता के बारे में पूछा जाना चाहिए’.एक और आईएएस अधिकारी प्रभजोत सिंह ने लिखा है,”पुलिस इस शख़्स को गिरफ़्तार क्यों नहीं करती और सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट या अल्पसंख्यक आयोग या यूपीएससी इस पर स्वतः संज्ञान क्यों नहीं लेते? ट्विटर इंडिया कृपया कार्रवाई करे और इस एकाउंट को सस्पेंड करे. ये हेट स्पीच है.”।बिहार में पूर्णिया के ज़िलाधिकारी राहुल कुमार ने लिखा है, “ये बोलने की आज़ादी नहीं है. ये ज़हर है और संवैधानिक संस्थाओं की आत्मा के विरूद्ध है. मैं ट्विटर इंडिया से इस एकाउंट के विरूद्ध कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूँ.”।

What do you think?

-2 points
Upvote Downvote

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading…

0

Comments

0 comments

प्रलय:का छोटा सा ट्रेलर,पिक्क्चर अभी बाक़ी है |

बिहार में इंडिया लुक न्यूज़ के ब्यूरो चीफ़ होंगे,तारिक़ |